एक बात पूछूँ तुमसे क्या कभी याद आते हैं वो पल
वो बीते हुए पल जिनमे कभी हमने
समय के सीने पर कहानियाँ लिखी थी एक-दूसरे की चाहत की|
जब कभी कोयल कूकती है अमराइयों मे ,
क्या तुम भी याद करते हो उन लम्हो को तन्हाइयों मे,
उन गुज़रे लम्हो को जब तुम्हारा चेहरा मेरी हथेलियों मे होता था ,
और तुम अटकती जाती थी दूर कहीं शरमा के मेरी बाहों से|
मुझे खुद के करीब पाकर नज़रों का वो झुकना,
साँसों का बहकना और दिल की ताल पर तेरा यूँ थिरकना,
अपने थरथरते होठों की कपन , क्या अब भी तुम्हे याद आती है,
एक पल के लिए ही सही क्या तेरे तस्सवुर मे अब भी मेरी कोई बात आती है|
क्या कभी चुभती है तेरे सीने मे भी,उन टूटे सपनो की किरच ,
जिन्हे कभी सजाया था हमने एक – दूसरे की खुली हथेलियों पर.
अपने होठों की तुलिका से खामोश ठहरे हुए इन पलों मे,
क्या कभी किसी बहाने से ही सही मेरे नाम की कोई आवाज़ आती है|
एक बात पूछूँ तुमसे कभी याद आते हैं वो पल ,
जिन्हे याद करके मुस्कान आती है मेरे होठों पर ,
और बरबस ही मेरी आखें भर आती हैं.
एक बात पूछूँ तुमसे……………..एक बात पूछूँ तुमसे.......|
By: Uttam Sharma
kisse puch rha hai baat, ye to bta de bhai ??
ReplyDeletenice!
ReplyDeleteSnigs...
Very Nice yar....
ReplyDeleteachi hai... but tu itna romantic... what's up dude???
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