Sunday, December 25, 2011

Pyar ki Ek Kahani


प्यार की एक कहानी सुनो, आज तुम मेरी ज़बानी सुनो..
एक लड़का था दीवाना सा ..कौन थी उसकी दीवानी सुनो
मिलना तो था उनकी किस्मत मे, दोनो ही इससे अंजान थे
कब और कैसे मिले वो दोनो , बात पूरी मेरी बयानी सुनो

वो शाम कुछ खास थी,महकी महकी सी उसकी हर बात थी
हल्का हल्का सा कोहरा था,जैसे उनके मिलन की ही सौगात थी
वो भीड़ मे भी था अंजानो सा, बैठा था अपनो मे भी बेगानो सा
नादान ये नही जानता था, आज किससे होनी उसकी मुलाक़ात थी

दोनो ने देखा एक दूजे को, दोनो ही एक दूसरे से अंजान थे,
करनी थी कितनी सारी बातें, कैसे करे इसे लेकर परेशान थे.
फिर वो मिले एक दूजे से, और सब बातें अपने आप हो गयी..
प्यार की राह मे मानो जैसे, दोनो की ज़िंदगी ही खो गयी


ये कोई दास्तान-ए-इश्क़ नहीं, बस जज़्बातों की एक कहानी है,
जिसमे एक लड़का है दीवाना सा...और एक लड़की दीवानी है
दास्तान ये यहीं पर बस ख़तम नही होती है दोस्तों
ये तो मुहब्बत है,इसके हर पन्ने पर एक नयी इबारत लिखी होती है  दोस्तों